हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,शहर-ए-बहार के इमाम जुमआ हुज्जतुल इस्लाम रज़ा मिस्बाह ने क्षेत्रीय परिवर्तनों की ओर इशारा करते हुए कहा, यमन का प्रतिरोध और अमेरिका को बेबस कर देना हमारे कुछ अधिकारियों के लिए एक सबक होना चाहिए, ताकि वे जान लें कि साम्राज्यवाद के खिलाफ केवल प्रतिरोध ही काम करता है।
उन्होंने सीरिया की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा, जौलानी एक डरावनी कठपुतली की तरह है जो साजिशकर्ता व्यवस्था के मैदान में विफल हो चुका है। उसका अंत केवल विरोधियों को दबाने और दिखावटी कार्रवाइयों तक ही सीमित था जिसका नतीजा आर्थिक तबाही के रूप में सामने आया। इसलिए सीरिया की वर्तमान स्थिति भी एक सबक है।
हुज्जतुल इस्लाम मिस्बाह ने ईरान के खिलाफ अमेरिका द्वारा डर और युद्ध के खतरे को एक निंदनीय षड्यंत्र बताया और कहा, यह षड्यंत्र विफल हो चुका है और अब अमेरिकी और सियोनी लॉबी आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्रों में डर, फूट और अविश्वास पैदा करके अपने मकसद हासिल करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा,हमें यह समझ लेना चाहिए कि अमेरिका के इरादों में बुराई, दुर्भाग्य, तबाही और आम लोगों की हत्या के अलावा कुछ नहीं है।
आपकी टिप्पणी